Kahte hai Ki Khuddar

कहते है  की  खुद्दार  मेरे  सहर  का  फाको  से  मर  गया 


राशन  जो  आ  रहा  था  वो  अफसर  के  घर  गया  


चढ़ती  रही  मज़ार  पर  चादर  तो  बे  शुमार 


बाहर  जो  एक  फ़क़ीर  था  शर्दी  से  मर  गया 


रोटी  अमिरे   सहर  के  कुत्तो  ने  छीन  ली  


फाका  गरीब  सहर  के  बच्चो  में  बट  गया 


चहेरा  बता  रहा  था  की  मारा  है  भूख  ने  


हाकिम  ने  कह  दिया  की  कुछ  खा  के  मर  गया 


मुख़्तार अहमद बहरूनी (बावा)